यह एक प्राचीन तंत्र होने के कारण इसकी विधियाँ व प्रयोग भी बहुत पुरानी हैं। हमने आपके लिए आगे कुछ तमाम साधनों से ये शाबर वशीकरण मंत्र लाये हैं। आपसे विनम्रता से अनुरोध है कि इनका गलत इस्तेमाल न करें, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है। मंत्रों को जैसे दिए गए हैं वैसे ही उच्चारण करें। कुछ अनुभूत शाबर वशीकरण मंत्र आपके लिए नीचे दिए गए हैं।
सिद्ध ॐ वश्य मुखी राज मुखी स्वाहा मंत्र
गुरु गोरखनाथ जी द्वारा प्रचारित और प्रसारित किए गए शाबर वशीकरण मंत्रों का जो भी जाप करता है, उसे तुरंत फल मिलना शुरू हो जाता है। आप यह भी कह सकते हैं कि इन मंत्रों को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है, जिस दिन से आप इन मंत्रों का जाप करना शुरू करेंगे, उसी दिन से आपको इसका रिजल्ट दिखना शुरू हो जाएगा। बस आपको विश्वास और श्रद्धा के साथ इन मंत्रों का जाप करना है। अब हम आपको एक एक करके सभी मंत्र बताएंगे।
1. अभीष्ट व्यक्ति को बुलानेका मंत्र
मंत्र: झां झां झांहां हां हांहें हैं ॥
विधि:
- अभीष्ट व्यक्ति की मन-ही-मन भावना कर उपयुक्त मंत्र का 500 बार जप करे।
- अभीष्ट व्यक्ति आपके पास आजाएगा।
- यदि एक दिनमें न आए, तो निरंतर 7 दिन जपे अवश्य ही आजाएगा।
2. आकर्षण मंत्र
मंत्र: ॐ चामुण्डे ज्वल-ज्वल प्रज्वल-प्रज्वल स्वाहा ॥विधि:
- जिसे देखकर उक्त मंत्र मन-ही-मन जपा जाए वह व्यक्ति आकर्षित होता है।
- अच्छा होगा कि पहले मंत्र का दस हजार जप करले, जिससे मन्त्र पूर्ण जागृत हो जाए।
3. तांत्रिक वशीकरण मंत्र
मंत्र: ॐ नमः कट विकट घोर-रूपिणी स्वाहा ॥
विधि:
- भोजन करते समय चावल को सात बार उक्त मंत्र से अभिमन्त्रित करे।
- जिस व्यक्ति का नाम लेकर खाएँगे, वह वशीभूत होगा।
- प्रयोग सात दिन तक करे।
4. अघोर जल वशीकरण मंत्र
मंत्र: ॐ वश्य मुखी राज मुखी स्वाहा॥
विधि:
- उक्त मंत्र से जल अभिमन्त्रित कर उससे मुंह धो ले ऐसा सात बार करे।
- नित्य प्रातः काल भी किया जा सकता है।
- इससे सभी देखने वाले वशीभूत होंगे।
5. तेल वशीकरण मंत्र
मंत्र: ॐ राज मुखि वश्य मुखि स्वाहा॥
विधि:
- प्रातःकाल स्नान के पूर्व शय्या पर बैठकर, बाँएँ हाथ तेल ले
- तेल लेकर उक्त मंत्र को तीन बार पढ़कर अभिमन्त्रित करे।
- फिर दाहिने हाथ की अनामिकासे तेल माथेपर लगा ले।
- तत्पश्चात् स्नान क इससे सभी देखने वाले वशीभूत होंगे।
6. मनोवाञ्छित कार्य पूरा करानेका मंत्र
मंत्र: ॐ हुं फट' या'स्त्रीं स्त्री स्त्रीं”
विधि:
- जिस व्यक्ति से कार्य लेना हो, उसे देखते इस मंत्र का 100 बार जप करे।
- तब उससे बातचीत करे।
- आप जो कहेंगे, उसे वह करने को तैयार हो जाएगा।
7. क्रोध प्रशमन मंत्र
मंत्र: ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्रोध - प्रशमन ह्रीं ह्रीं हां क्लीं सः सः स्वाहा ।।
विधि:
- उक्त मंत्र सात बार पढ़कर अपने पहने वस्त्र के एक कोने पर, एक गाँठ लगा दे।
- तब क्रोधित व्यक्ति के पास जाए।
- आपको देखते ही उसका क्रोध शान्त हो जाएगा।
Note: निम्न मंत्र में सिद्धि की आवश्यकता नहीं है। ये मंत्र स्वयं-सिद्ध हैं और प्रयोग करते ही प्रभाव दिखाते हैं। सभी मंत्र अनुभूत हैं 'प्रयोग' कर लाभ उठावें।

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