श्रावण मास व्रत कैसे करें? पूजा विधि, नियम और लाभ

श्रावण मास हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन माह माना जाता है। यह महीना संपूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। विशेषकर सावन सोमवार के दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जल अर्पण करने से व्यक्ति को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानें श्रावण व्रत की सही विधि, नियम और व्रत में क्या खाना चाहिए।

व्रत की विधि:

श्रावण मास के पहले सोमवार से व्रत की शुरुआत करें। प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद फूल अर्पित करें।

मंत्र उच्चारण करें:


इन मंत्रों का 108 बार जाप करें और ध्यानपूर्वक शिव चालीसा का पाठ करें।

व्रत में क्या खाएं:

श्रावण व्रत में केवल सात्विक और फलाहारी भोजन का सेवन करें। साबूदाना खिचड़ी, फल, दूध, दही, मखाना, सिंघाड़ा और राजगिरा का सेवन करें। सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।

व्रत में क्या न खाएं:

  • प्याज, लहसुन
  • मांसाहारी भोजन
  • सामान्य नमक
  • चाय, कॉफी और नशे की वस्तुएं

नियम और संयम:

श्रावण मास में ब्रह्मचर्य का पालन करें। झूठ बोलने, क्रोध करने और व्यर्थ की बातें करने से बचें। नियमित रूप से शिव आराधना, दान और उपवास करें। यदि पूरे महीने व्रत संभव नहीं है, तो केवल सोमवार के दिन व्रत रखें।

व्रत के लाभ:

  • मन की शुद्धता और आत्मिक शांति
  • परिवार में सुख-समृद्धि
  • विवाह और संतान प्राप्ति में सहायता
  • रोग और दोषों से मुक्ति


निष्कर्ष:

श्रावण मास एक आध्यात्मिक साधना का समय है। इस माह में शिव जी की उपासना, व्रत और संयम के साथ की गई साधना जीवन को सफलता, समृद्धि और शांति प्रदान करती है। यह व्रत हर व्यक्ति के लिए कल्याणकारी है।

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