व्रत की विधि:
श्रावण मास के पहले सोमवार से व्रत की शुरुआत करें। प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद फूल अर्पित करें।मंत्र उच्चारण करें:
- "ॐ नमः शिवाय"
- "ॐ त्र्यंबकं यजामहे"
इन मंत्रों का 108 बार जाप करें और ध्यानपूर्वक शिव चालीसा का पाठ करें।
व्रत में क्या खाएं:
श्रावण व्रत में केवल सात्विक और फलाहारी भोजन का सेवन करें। साबूदाना खिचड़ी, फल, दूध, दही, मखाना, सिंघाड़ा और राजगिरा का सेवन करें। सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।व्रत में क्या न खाएं:
- प्याज, लहसुन
- मांसाहारी भोजन
- सामान्य नमक
- चाय, कॉफी और नशे की वस्तुएं
नियम और संयम:
श्रावण मास में ब्रह्मचर्य का पालन करें। झूठ बोलने, क्रोध करने और व्यर्थ की बातें करने से बचें। नियमित रूप से शिव आराधना, दान और उपवास करें। यदि पूरे महीने व्रत संभव नहीं है, तो केवल सोमवार के दिन व्रत रखें।व्रत के लाभ:
- मन की शुद्धता और आत्मिक शांति
- परिवार में सुख-समृद्धि
- विवाह और संतान प्राप्ति में सहायता
- रोग और दोषों से मुक्ति

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